कृषि में कैरियर - Career In Agriculture
भारत एक कृषि (Agriculture) प्रधान देश है। देश की 67% आबादी आज भी कृषि पर आश्रित है। लेकिन इसका एक दूसरा पहलू यह भी है कि कृषि क्षेत्र का योगदान जीडीपी में मात्र 17% है।
परंतु अब स्थिति बदल रही है। कृषि क्षेत्र भी अब एक असंगठित क्षेत्र से संगठित क्षेत्र में परिवर्तित हो रहा है और सबसे बड़ी बात अब इसमें पढ़े लिखे युवा भी आ रहे हैं। जिनके आने से इस क्षेत्र को एक नया बल मिल रहा है और अब ये एक अच्छे कैरियर के दृष्टिकोण से भी बेहतरीन क्षेत्र है।
भारत के कई सारे सरकारी एवं प्राइवेट संस्थान कृषि से संबंधित सम्पूर्ण शिक्षा प्रदान करते हैं। जिनमें सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, डिग्री के कई कोर्स हैं जिन्हें करके इस क्षेत्र में एक अच्छा कैरियर बनाया जा सकता है।
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कहाँ कहाँ है मौके - Opportunity In Agriculture
कृषि क्षेत्र में स्नातक एवं उच्च शिक्षित युवा के लिए मौके की कमी नहीं है। भारत की कृषि सम्बंधित सबसे बड़ी संस्था ICAR - इंडियन कॉउन्सिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के ही देश भर में 43 रिसर्च इंस्टीट्यूट, चार नेशनल रिसर्च ब्यूरो, 20 नेशनल रिचर्स सेंटर, 109 कृषि विज्ञान केंद्र हैं। इसके अलावा प्राइवेट सेक्टर एवं सरकारी गैर सरकारी बैंकों में भी शिक्षित युवाओं के लिए बेशुमार अवसर हैं।
साथ ही अपना खुद का व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं।
बहुत सारे युवा आधुनिक तकनीक की मदद से जैविक खेती के जरिए भी एक सार्थक परिवर्तन ला रहे एवं कई लोगों को रोजगार भी दे रहें हैं।
आवश्यक योग्यता - Eligibility
इस क्षेत्र में जाने के लिए आपको विज्ञान वर्ग से 12वीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है। वहीं कुछ संस्थान ऐसे भी हैं जो कॉमर्स और आर्ट्स वर्ग के छात्रों को भी मौका देते हैं।
प्रवेश प्रक्रिया
केंद्रीय सरकारी विश्विद्यालय में प्रवेश के लिए ICAR - भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अखिल भारतीय स्तर पर प्रवेश परीक्षा आयोजित कराती है। वहीं कुछ राज्य अपने यहां जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम - JET आयोजित करते हैं।
अगर बात करें निजी संस्थानों की तो ये कुछ एंट्रेंस एग्जाम के जरिये दाखिला लेते हैं वहीं कुछ संस्थान ऐसे भी हैं जो 12वीं के अंक के आधार पर दाखिला देते हैं।
कोर्सेज - Courses in Agriculture Sector
सर्टिफिकेट कोर्स
सर्टिफिकेट इन बायो फर्टीलाइजर प्रोडक्शन
सर्टिफिकेट इन कमर्शियल फ्लॉवर प्रोडक्शन
सर्टिफिकेट इन होम गार्डनिंग
सर्टिफिकेट इन ऑर्गेनिक फॉर्मिंग
सर्टिफिकेट इन फूड सेफ्टी
डिप्लोमा कोर्स
डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर
डिप्लोमा इन फॉर्म मैनेजमेंट
डिप्लोमा इन वेजिटेबल प्रोडक्शन
डिप्लोमा इन फोडर एंड फीड टेक्नोलॉजी
बैचलर डिग्री कोर्स
बीएससी एग्रीकल्चर
बीबीए एग्रीकल्चर
बीएससी एग्रीकल्चर बॉयोटेक्नोलॉजी
बीएससी जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग
बीएससी सॉयल साइंस एंड वाटर मैनेजमेंट
BRS - बैचलर इन रूरल स्टडीज
बीएससी इन क्रॉप साइकोलॉजी
बीटेक इन एग्रीकल्चर
मास्टर्स डिग्री कोर्स
एमएससी इन एग्रीकल्चर
एमएससी इन बायोलॉजिकल साइंस
एमएससी इन एग्रीकल्चर बॉटनी
एमटेक इन एग्रीकल्चर
सभी स्पेसिलाइजेशन में एमबीए
डॉक्टरल कोर्सेज
पीएचडी इन एग्रीकल्चर
पीएचडी इन एग्रीकल्चर बायोटेक्नोलॉजी
पीएचडी इन एग्रीकल्चरल एंटोमोलॉजी
कोर्स समयावधि - Time Duration
सर्टिफिकेट कोर्स 6 माह से लेकर 2 साल तक के होते हैं।
डिप्लोमा कोर्स 2-3 साल तक के
बैचलर कोर्स 3-4 साल तक
फीस
कोर्स एवं संस्थान के हिसाब से 5-50 हजार वार्षिक
प्रमुख संस्थान
नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट, करनाल हरियाणा
इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली
जीबी पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, पंतनगर उत्तराखंड
चौधरी चरण सिंह हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी
जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर मध्यप्रदेश
कहाँ मिलेगी नौकरी
भारत सरकार एवं राज्य सरकारों के सभी कृषि सम्बंधित विभाग
ICAR के सभी अनुसंधान केंद्र
एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटीज
स्टेट एग्रीकल्चर रिसर्च स्टेशन
मृदा परीक्षण केंद्र
राष्ट्रीय बीज निगम
केंद्रीय एवं राज्य कृषि पशुपालन मंत्रालय
जल एवं पर्यावरण मंत्रालय
मौसम विभाग
सभी राष्ट्रीय एवं प्राइवेट बैंक में बतौर कृषि विस्तार अधिकारी, ग्रामीण विकास अधिकारी, फील्ड ऑफिसर के रूप में भी मौके हैं।
इसके अलावा सभी प्रमुख मीडिया संस्थान भी अपने यहां कृषि विशेषज्ञ की नियुक्ति करते हैं।
निजी क्षेत्र में
कृषि सम्बंधित सभी देशी विदेशी मल्टीनेशनल कंपनियों में । जैसे-
खाद एवं उर्वरक कंपनी
फार्मिंग इंडस्ट्री
कृषि इक्विपमेंट इंडस्ट्री
एनजीओ
डेरी इंडस्ट्री, इत्यादि।
कृषि एवं इससे सम्बंधित क्षेत्रों जैसे फल उत्पादन, दुग्ध उत्पादन, पशुपालन में अपना खुद का व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं।
आधुनिक तकनीक की मदद से जैविक खेती में स्टार्टअप करना भी एक बेहतर विकल्प है। वैदिक वाटिका के संस्थापक कृषि वैज्ञानिक समर्थ जैन एक प्रत्यक्ष उदाहरण हैं, जिन्होंने बेल्जियम से अपनी पढ़ाई के पश्चात भारत वापस आकर छत्तीसगढ़ के जशपुर में वैदिक वाटिका की स्थापना करके खेती को बढ़ावा देने के साथ कई लोगों को रोजगार भी मुहैया करा रहे हैं। इस काम में उनकी इंजीनियर पत्नी अंकिता जैन भी साथ हैं जिन्होंने खेती एवं किसानों से सम्बंधित एक पुस्तक ओह रे किसान भी लिखी है।
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कृषि क्षेत्र आने वाले समय में एक बूमिंग इंडस्ट्री होनी वाली है। सबसे बड़ी बात कि इसमें अन्य क्षेत्रों जैसे इंजीनियरिंग या मेडिकल की अपेक्षा भीड़ कम है जिससे इसमें कॉम्पटीशन अभी उतना नहीं है। इस लिहाज से आने वाले समय में यह एक आकर्षक कैरियर विकल्प होने वाला है।
अगर आपको इससे सम्बंधित और कोई जानकारी चाहिए और आपको ये लेख कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताएं।
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